December 12, 2025
74 Views

ज्वाला कमलापुरी की रिपोर्ट

पलामू मेदिनीनगर शहर के पुलिस स्टेडियम में 17 वीं झारखण्ड राज्य सीनियर महिला कब्बडी प्रतियोगिता 2024-25 का आयोजन किया जा रहा है । 28 जनवरी से 30 जनवरी तक कब्बडी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है वही 30 जनवरी को कब्बडी प्रतियोगिता का समापन किया जायेगा। महिला कब्बडी प्रतियोगिता में पलामू, देवघर, लोहरादगा, धनबाद, गिरिडीह, रांची, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गढ़वा, लातेहार, बोकारो,साहेबगंज, जामताड़ा जिले से महिला खिलाड़ी मेदिनीनगर पहुँची और कब्बडी प्रतियोगिता का हिस्सा बनी । अध्यक्ष पंडित प्रदीप नारायण की अध्यक्षता में कब्बडी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है । महिला कब्बडी प्रतियोगिता संरक्षक – सोनू नामधारी , ब्रजेश शुक्ला, अध्यक्ष – पंडित प्रदीप नारायण, सचिव उपेन्द्र कुमार ,उपाध्यक्ष कर्नल रंजीत किशोर, सत्यनारायण शर्मा , निधि उपाध्याय,अजय कुमार , धीरज कुमार मेहता , सचिव नवदीप सिंह , संयुक्त सचिव – त्रिपुरारी प्रजापति , अनूप दूबे ,सुनील कुमार यादव , कोषाध्यक्ष – सिकंदर कुमार

कबड्डी एसोसिएशन के राज्य पदाधिकारी विपिन कुमार सिंह प्रदेश अधक्ष्य ,तेजनारायण माधव चयन समिति के अधक्ष्य, जगदीश कुमार रेफ़री बोर्ड के अधक्ष्य एवं अन्य ऑफिशियल

मुख्य अतिथि – दिव्यांश शुक्ला आईपीएस,पूर्व मेयर श्रीमति अरुणा शंकर ,राजीव रंजन DYSP विमल चन्द्रवंशी सार्जेन्ट, सुरेश राम इंस्पेक्टर शहर थाना, सेवा राम साहू कल्याण पढ़ाधिकारी, सुशील सिन्हा अधक्ष्य पुलिस मेंस एसोसिएशन , लालेसवर राम अप महा मंत्री police मेंस एसोसिएशन नागेंद्र चौधरी प्रशिक्षक पुलिस विभाग मनोज मेहता अधक्ष्य कबड्डी एसोसिएशन पलामू ,लाल विहारी यादव अभियंता ज़िला परिषद धर्म राज भारती, कमला नंद दूबे , संजय त्रिपाठी , मनोहर लाली माही माही केक शॉप इत्यादि

दिव्यांशु शुक्ला – कबड्डी एक टीम द्वारा खेला जाने वाला खेल है। इसमें सात-सात खिलाड़ियों की दो टीमें होती हैं। एक टीम का खिलाड़ी एक सांस में कबड्डी का उच्चारण लगाते हुए ज़्यादा से ज़्यादा खिलाड़ियों को टैग करने के लिए विरोधी टीम के हाफ़ में प्रवेश करता है। उस खिलाड़ी करने वाले को टैग करके अपने पाले में जाने से रोकने का कार्य सामने वाले विरोधी बचाव दल के लोग करते हैं। बचाव दल यदि विरोधी खिलाड़ी को तीस सेकंड पूरे होने से पहले पकड़ लेता है तो वह खेल से बाहर हो जाता है और यदि वह खिलाड़ी किसी बचाव दल खिलाड़ी को छूकर अपने पाले में चला जाता है तो वह जिसे छूता है वे खेल से बाहर हो जाते हैं। नारियल तोड़ कर खेल का उद्घाटन किया ।गाँव की खेल कबड्डी पूरे तन और मन को स्वस्थ रखने का अजूबा खेल है । इस खेल में बहुत संभावना है । 2036 के ओलंपिक में भी इस खेल को शामिल किया गया है । पलामू में इस खेल का आयोजन होने से कबड्डी जैसे खेल को बढ़ावा मिलेगा ।

अरुणा शंकर – कबड्डी एक पारंपरिक भारतीय खेल है। इसकी जड़ें भारतीय संस्कृति और इतिहास में गहराई से जुड़ी हुई हैं। कबड्डी शारीरिक तंदुरुस्ती को बढ़ावा देता है। इस खेल में दौड़ना, छापा और बचाव करना आदि कलाएं शामिल होती हैं। कबड्डी खेलने के लिए रणनीतिक सोच और तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। यह खेल मानसिक और शारीरिक एकाग्रता को भी विकसित करता है। कबड्डी में मानव शरीर को ध्यान केंद्रित रखने, दबाव में शांत रहने और दृढ़ निश्चयी होने की ज़रूरत होती है।कबड्डी खेल मिट्टी की खेल है जिसने संसाधन की कोई आवश्यकता नहीं है । वर्तमान समय में यह खेल विलुप्त हो रहा है जिसकी ख्याति वापस करने का आच्छ प्रयास है । पलामू में कबड्डी की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता और बेटियों के लिए होना बड़ी बात है । इन्होंने आयोजन समिति को बहुत बहुत साधुवाद दिया है ।

पंडित प्रदीप नारायण – पूरे टीम के भरपूर प्रयास से मैच का आयोजन हो पाना संभव हो सका है । सभी पदाधिकारियों और प्रसाशन का पूरा सहयोग मिल रहा है । कबड्डी विलुप्त हो रहा खेल है । आज पलामू में कबड्डी के इस आयोजन से खिलाड़ियों के अंदर इसके प्रति रुचि जगेगी ।कबड्डी मूल रूप से एक संघर्षपूर्ण खेल है, जिसमें प्रत्येक पक्ष में सात खिलाड़ी होते हैं; 5 मिनट के ब्रेक (20-5-20) के साथ 40 मिनट की अवधि के लिए खेला जाता है। खेल का मुख्य विचार प्रतिद्वंद्वी के कोर्ट में रेड करके और बिना किसी परेशानी के यथासंभव अधिक से अधिक डिफेंस खिलाड़ियों को छूकर अंक अर्जित करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!